डेली करेंट अफेयर्स और GK | 04 अप्रैल 2020
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1. केंद्रीय सिविल सेवा के विभिन्न अधिकारियों ने करूणा पहल का प्रारंभ किया।
- हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा सहित केंद्रीय सिविल सेवा के अधिकारियों ने करूणा पहल का प्रारंभ किया है।
- करूणा पहल का शुभारंभ कोरोनावायरस से लड़ने में सरकार के प्रयासों का समर्थन करने और पूरक करने के लिए किया गया है।
- करुणा (CARUNA) का अर्थ “सिविल सर्विस ऐसोसिएशन रीच टू सपोर्ट इन नेचुरल डिसास्टर” है।
- यह एक सहयोगी मंच का प्रतिनिधित्व करता है, जहां सिविल सेवक, उद्योग जगत के नेता, गैर सरकारी संगठन के पेशेवर और अन्य लोगों के बीच, आईटी पेशेवर भी अपने समय और क्षमताओं का योगदान करने के लिए एक साथ आए हैं।
- संविधान का अनुच्छेद 312 अखिल भारतीय सेवाओं के निर्माण के लिए राज्य सभा को अधिकार देता है।
2. गृह मंत्री अमित शाह ने एसडीआरएमएफ (SDRMF) के तहत 11,092 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी प्रदान की।
- गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष, (SDRMF) के तहत 11,092 करोड़ रुपये जारी करने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष की पहली किश्त के रूप में राज्य सरकारों के पास उपलब्ध धन को बढ़ाने के उद्देश्य से यह राशि जारी की है।
- इस कोष का उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए निवारक और शमन उपाय जैसें कि-नमूना संग्रह और स्क्रीनिंग, अतिरिक्त परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, उपभोग्य सामग्रियों की लागत, स्वास्थ्य सुरक्षा, नगरपालिका, पुलिस और अग्निशमन अधिकारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद, थर्मल स्कैनर, वेंटिलेटर आदि की खरीद करने के लिए किया जाएगा।
- साथ ही विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों सहित बेघर लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए प्रयुक्त होगा।
- इससे पूर्व 14 मार्च को कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के उपयोग के लिए एक विशेष वितरण किया था।
- 28 मार्च को केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को उपरोक्त उद्देश्य के लिए एसडीआरएफ का उपयोग करने की अनुमति दी थी।
- राज्यों को यह धन 15 वें वित्त आयोग की सिफारिश पर आवंटित किया गया है। जिसके अध्यक्ष एन.के.सिंह हैं।
- वित्त आयोग की स्थापना भारत के राष्ट्रपति ने 1951 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत की थी।
3. संजय धोत्रे ने हैक द क्राइसिस-इंडिया हैकथॉन लॉन्च किया।
- हाल ही में राज्य मानव संसाधन विकास और आईटी मंत्री संजय धोत्रे ने हैक द क्राइसिस-इंडिया हैकथॉन लॉन्च किया है।
- इस हैकथॉन का उद्देश्य कोविड-19 महामारी पर काबू पाने के लिए समाधान खोजना है।
- यह हैकथॉन एक वैश्विक पहल का हिस्सा है और हैक- ए -कॉज-इंडिया और फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन पुणे द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- साथ ही हैकथॉन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा भी समर्थित है।
- 48 घंटे के इस हैकथॉन में 2,000 से अधिक टीमें और 15,000 से अधिक प्रतिभागी अपने कामकाजी प्रोटोटाइप को बढ़ाएंगे।
- इस हैकथॉन का लक्ष्य कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है।
4. एआरसीआई हैदराबाद ने डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर बनाया है।
- हाल ही में पाउडर धातुकर्म और नई सामग्री के लिए अंतर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसंधान केंद्र (ARCI) हैदराबाद ने डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर बनाया है।
- इस संस्था के निदेशक ने इस प्रोजैक्ट को निर्देषित किया था।
- वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों की एक टीम ने स्वेच्छा से आगे आकर लगभग 40 लीटर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया।
- उत्पादन, पैकेजिंग और वितरण का पूरा कार्य मात्र 6 घंटे में पूरा किया गया है।
- हैंड सैनिटाइजर को हैदराबाद में पुलिस कर्मियों, छात्रों, संस्था के कर्मचारियों, कैंटीन में काम करने वाले लोगों, वैज्ञानिकों और सामान्य क्षेत्रों और प्रवेश द्वारों पर भी वितरित किया है।
- पुलिस उपायुक्त ने वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना करते हुए अधिक से अधिक कर्मियों को हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है।
- इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर धातुकर्म और नई सामग्री (ARCI):
- यह एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास केंद्र है।
- यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत है।
- इसकी स्थापना 1997 में की गई थी।
- हैदराबाद, तेलंगाना में इसका मुख्य परिसर स्थित है।
- डॉ. जी. पद्मनाभम संस्था के वर्तमान निदेशक हैं।
5. 19 वें एशियाई खेलों के लिए चीन ने डिजिटल रूप से शुभंकर लॉन्च किया।
- 19 वें एशियाई खेलों के आधिकारिक शुभंकरों का चीन के हांगझोऊ में एक डिजिटल समारोह में अनावरण किया गया।
- स्मार्ट ट्रिपलेट्स नाम के तीन रोबोट 2022 हांगझोऊ एशियाई खेलों के लिए शुभंकर होंगे।
- ये तीनों रोबोट, कांगकांग, लियानिलियन और चेनचेन, हांगझोऊ शहर और झेजियांग प्रांत के इंटरनेट कौशल को दर्शाते हैं।
- एशिया के 19 वें एशियाई खेलों का आयोजन 10 से 25 सितंबर, 2022 तक हांगझोऊ, चीन में किया जाएगा।
- यह 1990 में बीजिंग में हुए आयोजन के बाद चीन द्वारा आयोजित होने वाला तीसरा एशियाई खेल होगा।
- एशियाई खेल:
- एशियाई खेल पूरे एशिया के एथलीटों के बीच हर चार साल में आयोजित एक महाद्वीपीय बहु-खेल कार्यक्रम है।
- पहली बार 1951 में नई दिल्ली, भारत में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था।
- 2018 में इंडोनेशिया में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ था।
6. आई आई टी रूढ़की ने प्राण-वायु नामक पोर्टेबल वेंटिलेटर बनाया है।
- हाल ही में आई आई टी रूढ़की ने एम्स ऋषिकेश के साथ मिलकर एक कम लागत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है।
- इस पोर्टेबल वेंटिलेटर का नाम प्राण-वायु है। जिसे मात्र 25,000 रु में निर्मित किया जा सकता है।
- यह बंद लूप वेंटिलेटर एक स्वचालित प्रक्रिया के तहत दबाव और प्रवाह की दर को नियंत्रित करके रोगी को आवश्यक मात्रा में हवा पहुंचा सकता है। ।
- कोविड-19 महामारी के कारण अस्पतालों में वेंटिलेटर की बढ़ती मांग को ध्यान में रखकर यह वेंटिलेटर विकसित किया गया है।
- इस मशीन के उत्पादन में कई व्यावसायिक कंपनियों ने में रुचि व्यक्त की है।
7. इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन संजीवनी चलाया।
- हाल ही में इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन संजीवनी के द्वारा मालदीव तक जरूरी सामान और दवाएं पहुंचायी हैं।
- यह ऑपरेशन मालदीव के आग्रह पर चलाया गया था।
- इस ऑपरेशन के तहत इंडियन एयरफोर्स ने मालदीव में 6.2 टन मेडिकल सामान की आपूर्ति की है।
- मालदीव ने बहुत पहले इन सामानों के ऑर्डर दिए थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये सामान उसके यहां नहीं पहुंच पाए थे।
- इंडियन एयर फोर्स (IAF):
- भारतीय वायु सेना, भारतीय सशस्त्र बलों की हवाई शाखा है। कर्मियों और विमान संपत्तियों के अनुसार दुनिया की वायु सेनाओं में यह चौथे स्थान पर है।
- इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में की गई थी।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- भारतीय वायु सेना के वर्तमान चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया हैं।
- मालदीव:
- यह दक्षिण एशिया का एक छोटा सा द्वीप राष्ट्र है, जो भारत के दक्षिण-पश्चिम में, अरब सागर में स्थित है।
- इसकी राजधानी माले और मुद्रा मालदीवियन रूफिया है।
आज का विषय-“अम्ल वर्षा”
अम्ल वर्षा दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण का एक सह उत्पाद है। अम्ल वर्षा शब्द का उपयोग पहली बार 1852 में स्कॉटिश रसायनज्ञ रॉबर्ट एंगस स्मिथ द्वारा किया गया था। उन्होंनं इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में औद्योगिक शहरों के पास वर्षा जल रसायन विज्ञान की जांच के दौरान इसका अध्ययन किया था। इस घटना का वर्णन उन्होंने एयर एंड रेन, द बिगिनिंग ऑफ ए केमिकल क्लाइमेटोलॉजी 1872 में किया था।
जब वायुमंडलीय प्रदूषक जैसे नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड बारिश के पानी के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और बारिश के साथ नीचे आते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप अम्ल वर्षा होती है।
अम्ल वर्षा डेनमार्क, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड और आइसलैंड जैसे स्कैंडिनेवियाई देशों का एक प्रमुख लक्षण है। इसका पी.एच मान 5 से 6 मध्य रहता है।
अम्ल वर्षा के कारण –
- अम्ल वर्षा के लिए मुख्यतः सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्तरदायी होते हैं। ये रसायन वायुमंडल में मौजूद अन्य रसायनों और अभिकारकों के साथ क्रिया करते हैं और परिणामस्वरूप एसिड का जमाव होता है।
- सल्फर के प्राकृतिक स्रोत में मुख्य रूप से महासागर और ज्वालामुखी विस्फोट शामिल हैं, जबकि मानव निर्मित स्रोत कोयले और पेट्रोलियम और विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाएं और जीवाश्म ईंधन हैं। सल्फर के अन्य स्रोतों में लोहा और अन्य अयस्कों का गलान, सल्फ्यूरिक एसिड का निर्माण और पेट्रोलियम उद्योग शामिल हैं।
- जबकि नाइट्रोजन के ऑक्साइड, वाहन उत्सर्जन द्वारा उत्सर्जित किए जाते हैं।
- ये दोनो ऑक्साइड सल्फ्यूरिक एसिड व नाइट्रिक एसिड में बदलकर अम्ल वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं।
- ज्ञातव्य है कि एसिड वर्षा के लिए केवल सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि ओजोन व कुछ अन्य कार्बनिक अम्ल जैसे फॉर्मिक और एसिटिक एसिड भी अम्लता में योगदान करते हैं।
अम्ल वर्षा के प्रभाव-
- अम्लीय वर्षा कृषि को प्रभावित करती है जिस तरह से यह मिट्टी की संरचना को बदल देती है।
- अम्ल वर्षा कृषि, पौधों और जानवरों के लिए बहुत हानिकारक है। यह उन सभी पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है जो पौधों की वृद्धि और अस्तित्व के लिए आवश्यक होते हैं।
- अम्ल वर्षा के कारण झीलों व तालाबों के पानी की रासायनिक संरचना में भी परिवर्तन हो जाता है। जिसके फलस्वरूप यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करती है और वहां की जैव विविधता हानि होती है।
- यह जानवरों और मनुष्यों में श्वसन संबंधी समस्याओं को भी तीव्र कर देती है।
- यह पत्थरों और धातुओं से बनी इमारतों और स्मारकों को नुकसान पहुंचाता है। जिस कारण से देश की सांस्कृतिक धरोहर को भी नुकसान पहुचंता है। जिसका एक जीवंत उदाहरण भारत में ताज महल है जो मथुरा में स्थित तेल शोधन कारखानों के नजदीक होने के कारण क्षरण का शिकार हो रहा है।
- अम्ल वर्षा पानी के पाइप का भी क्षरण करती है। जिसके परिणामस्वरूप भारी धातुओं जैसे कि लोहा, सीसा और तांबे आदि अशुद्धियां पानी में घुल जाती हैं।
समसामयिक प्रश्नोत्तर
1. हाल ही में कोरोना के खिलाफ सरकारी प्रयासों का समर्थन करने के लिए करूणा पहल का प्रारंभ किसने किया है?
- केंद्रीय सिविल सेवा के विभिन्न अधिकारियों ने
- विभिन्न राज्यों मुख्यमंत्रियों ने
- विभिन्न औद्योगिक घरानों ने
- विभिन्न छात्र संगठनों ने
2. 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष कौन हैं?
- एन.के.सिंह
- एस. के. सिंह
- ए. कुमार .राव
- एस. बालाकृष्णन
3. हाल ही में हैक द क्राइसिस-इंडिया हैकथॉन किस उद्देश्य से लॉन्च किया गया है?
- कोविड-19 महामारी का समाधान खोजना
- वृद्ध जनों की कोरोना वायरस से रक्षा करना
- जमात के लोगों को खोजना
- पूरे देश को सैनीटाइज करना
4. हाल ही में किस संस्था ने डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर बनाया है?
- सी एस आई आर
- आई सी एम आर
- ए आर सी आई
- डी आर डी ओ
5. एशियाई खेल 2022 किस देश में होने प्रस्तावित हैं?
- चीन
- भारत
- श्रीलंका
- नेपाल
6. हाल ही में विकसित किया गया प्राण-वायु क्या है?
- कोरोना का टीका
- पोर्टेबल वेंटिलेटर
- प्रदूषण मापक यंत्र
- ऐस्थमा के मरीजों के लिए पंप
7. ऑपरेशन संजीवनी हाल ही में किसके द्वारा चलाया गया था?
- भारतीय वायु सेना
- भारतीय थल सेना
- भारतीय जल सेना
- उपरोक्त तीनों द्वारा संयुक्त रूप से
उत्तर
1. A
2. A
3. A
4. C
5. A
6. B
7. A
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